श्रीराम आशरा-धरणीधर- बनासकांठा, खालसा

|| श्रीराम आशरा-धरणीधर- बनासकांठा, खालसा ||

भारत में कुम्भमेला सबसे बडा मेला है | ईस पर्व का बडा भारी महत्व रहा हौ । ईस मेले में भारत भर से अथवा दुनिया भरके तमाम अखाडों, एवं सम्प्रदायों के बडे बडे सन्त- महन्तों के विशाल शिबीर या खालसे लगते हैं | उन खालसों में साधु -सन्तों के अलावा अन्य भक्तजन भी यहां खालसों में ठहरते है | यह मेला करीब डेढ या दो महीने भर का रहता है | उत्तर गुजरात के साधु –सन्त और भाविक भक्तों को कुम्भ मेले में रहने के लिए एक सुव्यवस्थित खालसा नही था । यहां कुम्भ मेले में अपना खालसा शुरु करने की भावना से शास्त्री प्रभाकरदास उर्फ़े पूनमदासजीने “ श्रीराम आशरा धरणीधर बनासकांठा- खालसा ” नामसे दिगम्बर अखाडे के अन्तर्गत श्रीमहान्त स्वामी श्रीकेशवदासजी की अध्यक्षता में हजारों सन्त-महान्तों के सानिध्यमें श्रीराम आशरा धरणीधर बनासकांठा खालसा नाम से सम्पन्न हुआ | शास्त्री प्रभाकरदासजी की अध्यक्षता में यह खालसा शुरु हुआ | इस नवीन खालसे के लिये आसपास के साधु-सन्तों और भाविक भक्तों में खुशीकी लहर छा गई है | 2010 के हरिद्वार महकुम्भ में इस खाल से की चारों तरफ़ अछी बोलबाला रही थी |